Page 4 - Class8 Oct-Dec 2019
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कु सुमालय




























                                          अकबर-बीरबल का ककस्सा - मोम का शेर

          सकदियों क े कदन थे, अकबर का दरबार लगा हुआ था। तभी फारस क े राजा का भेजा एक दूत दरबार में उपस्स्थत

          हुआ।राजा को नीचा कदखाने क े ललए फारस क े राजा ने मोम से बना शेर का एक पुतला बनवाया था और उसे पपिंजरे
          में बिंद करके  दूत क े हाथों अकबर को लभजवाया, और उन्हे     चुनौती दी कक इस शेर को पपिंजरा खोले पबना बाहर
          लनकाल  कर  कदखाएिं।बीरबल  की  अनुपस्स्थलत  क े  कारण  अकबर  सोच  पड़  गए  कक  अब  इस  समस्या  को  कै से

          सुलझाया जाए। अकबर ने सोचा कक अगर दी हुई चुनौती पार नहीिं की गयी तो उनका मजाक बनेगा । इतने में ही
          परम चतुर, ज्ञान गुणवान बीरबल आ गए और उन्होंने सारा  मामला समझ ललया।बीरबल ने एक गरम सररया

          मिंगवाया और पपिंजरे में कै द  मोम क े शेर को पपिंजरे में ही पपघला डाला। देखते-देखते मोम  पपघलकर बाहर लनकल
          गया  ।अकबर  अपने  सलाहकार  बीरबल  की  इस  चतुराई  से  काफी  प्रसन्न  हुए  और फारस  क े  राजा  ने  कफर  कभी
          अकबर को चुनौती नहीिं दी।
          लशक्षा - बुपि क े बल पर बड़ी- से-बड़ी समस्या का हल लनकाला जा सकता है |                            हर्ि आठवीिं ड


          कबीर  क े  ऐसे  दोहे  जो  हमें  स्जिंदगी  का  फलसफ़ा  लसखाते   रोचक तथ्य

          हैं.......
                                                                1.नील आमिस््ााँग ने सबसे पहले अपना बााँया पैर

          1.दुख  में  सुलमरन  सब  करे,  सुख  में  करे  न  कोय|   चाँद्रमा पर रखा था और उस समय उनके  कदल की
          जो सुख में सुलमरन करे, दुख काहे को होय||                 धड़कन 156 बार प्रलत लमनट थी|
          2.  बुरा  जो  देखन  मैं  चला,  बुरा  न  लमलया  कोय|   2.  एक  औसतन  लैड  की  पेंलसल  से  अगर  एक

          जो मन खोजा आपना, तो मुझसे बुरा न कोय||                लाइन  खीिंची  जाए  तो  वह  35  ककलोमीटर  लिंम्बी
          3.काल  करे  सो  आज  कर,  आज  करे  सो  अब|             होगी स्जससे 50,000 अिंग्रेजी शब्द ललखें जा सकते

          पल में परलय होएगी, बहुरर करोगे कब||                   है|

          4.   ऐसी   बानी   बोललए,   मन   का   आपा     खोए|     3.    मकहलाएाँ  हर  रोज  औसतन  20,000  शब्द
          अपना तन शीतल करे, औरन को सुख होए||                    बोलती  हैं, जो पुरुर्ों के  औसत से एक हज़ार-दो

          5.पोलथ  पढ़मुआ    जग    पढ़ -,  पिंकडत  भया  न  कोए|   हज़ार नहीिं ;13000 शब्द ज्यादा है|
          ढाई आखर प्रेम क े, पढ़ा सो पिंकडत होए||               4.  सिंस्कृ त  सभी  उच्च  भार्ाओिं  की  जननी  माना

                                                                जाता है. क्योंकक यह किं प्यूटर सॉफ्टवेयर के  ललए
                                      पप्रयािंशी स्जिंदल  दसवीिं डी
                                                                सबसे सटीक है, और इसललए उपयुक्त भार्ा है|

                                                                                                         पाथि गुप्ता  आठवीिं  बी
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